नींद आएगी जब आपकी बू पाऊंगी बाबा
मैं रात को मकतल में चली आऊंगी बाबा
फरमाया निकलती नहीं सैदानियां बाहर
सीने पे सुलाएंगी तुम्हे रात को मादर
वो कहती थी सोएंगे कहां फिर अली असग़र
शह ने कहा बस ज़िद न करो सदक़े मैं तुम पर
शब होेएगी और दश्त में हम होएंगे बीबी
असग़र मेरे साथ आज वहीं सोएंगे बीबी
वो कहती थी बस देख लिया आप का भी प्यार
मैं आप से बोलूंगी ना अब या शहे अबरार
अच्छा न अगर कीजिएगा जल्द आने का इक़रार
मर जाएगी इस शब को तड़पकर मैं दिल अफ़गार
कैसी हैं ये बातें मेरा दिल रोता है बाबा
घर छोड़कर जंगल में कोई सोता है बाबा
असग़र कभी साथ आप के अब तक नहीं सोए
बहला लिया अम्मा ने अगर चौंक के रोए
शफ़क़त ये मुझी पर थी के बेचैन न होए
यूं प्यार करूं जिसको वो यूं हाथ से खोए
जीते रहे फ़रज़न्द कि सब लख़्ते जिगर हैं
मैं आप की बेटी हूं वो अम्मा के पिसर हैं
शह ने कहा बस सब्र करो बाप को जानी
कुछ देती हो अब्बास को पैग़ाम ज़बांनी
उदे हैं लबे लाल ये है तश्ना दहानी
मिलता है तो बीबी के लिए लाते हैं पानी
महबूबे इलाही के नवासे हैं सकीना
हम भी तो कई रोज़ के प्यासे हैं सकीना