है रुक़सत की घड़ी करबला वालों
ख़ुदा हाफ़िज़ ख़ुदा हाफ़िज़-2
सलामे आख़री ऐ करबला वालों
ख़ुदा हाफ़िज़-4
ना हम से हो सका कुछ भी अदा हक़ मेज़बानी का
ये है शर्मिन्दगी ऐ करबला वालों ख़ुदा हाफ़िज़
तुम्हारे साथ ज़हरा भी यहां तशरीफ लायीं थीं
ये इज़्ज़त भी मिली ऐ करबला वालों ख़ुदा हाफ़िज़
हमारे घर की रौनक़ भी तुम्हारे साथ जाती है
उदासी छा गयी ऐ करबला वालों ख़ुदा हाफ़िज़
तुम्हारे ग़म में रोते रोते मर जाते तो अच्छा था
ये हसरत रह गई ऐ करबला वालों ख़ुदा हाफ़िज़
किसी सूरत बहलता ही नहीं दिल कैसे बहलाएं
अजब है बेकली ऐ करबला वालों ख़ुदा हाफ़िज़
फिर अगले साल हम यूं ही सफे मातम बिछाएंगे
रही गर ज़िन्दगी ऐ करबला वालों ख़ुदा हाफ़िज़