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Wednesday, September 8, 2021

qabr asgar ki


क़ब्र असग़र की बनाने में बहुत देर लगी

शह को इक फूल छुपाने में बहुत देर लगी


कुछ क़दम दूर है बाज़ार से दरबार मगर

फिर भी शहज़ादी को आने में बहुत देर लगी


शह ने हर लाश को जल्दी से उठाया लेकिन

लाश अकबर की उठाने में बहुत देर लगी


टुकड़े चुनते हुए क़ासिम के कहा मौला ने

हाय अफ़सोस कि आने में बहुत देर लगी


चन्द सतरें थीं मगर लाशे अली अकबर पर

शह को ख़त पढ़ के सुनाने में बहुत देर लगी



इस क़दर प्यास से सूखा था गुलूए सरवर

शिम्र को तेग़ चलाने में बहुत देर लगी


बाप की लाश से दुर्रों की अज़ीयत देकर

एक बच्ची को हटाने में बहुत देर लगी


करबला पंहुचा तकल्लुम तो यही रो के कहा

मुझ को सरकार बुलाने में बहुत देर लगी