🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ या अब्बास या अब्बास 🕊️
जब हवाओं में नमीं महसूस की अब्बास ने
एहतियातन साँस अपनी रोक ली अब्बास ने
मौजे कौसर सर उठाकर देखती ही रह गयी
इतनी ऊँचाई पे रख दी तशनगी अब्बास ने
या अब्बास या अब्बास
या अब्बास या अब्बास
सजा रक्खी थी दरया पर अजब बारात पानी की
बहुत करते थे अशरारे यज़ीदी बात पानी की
मगर दरया पे पहुँचे ठोकरे मारी चले आए
बता दी हज़रते अब्बास ने औक़ात पानी की
कटे बाज़ू छिदी मशकीज़ा बच्ची रह गयी प्यासी
ज़मीं पे खून बनके हो गयी बरसात पानी की
या अब्बास, या अब्बास
या अब्बास, या अब्बास
जहाँ भी पानी-ओ-मश्को अलम की बात चली
अली के लाल के क़दमों तले फ़ुरात चली
वफ़ाओ-इश्क़ो मोहब्बत की क़ायनात चली
दुआ-ए-फ़ातेमा ज़हरा भी साथ साथ चली
अलम के दम से है अब तक हयात पानी की
जरी की जीत हुई और मात पानी की
या अब्बास, या अब्बास
या अब्बास, या अब्बास
वो एक मश्क़ जो कौसर समेट कर निकली
लबों पे अपने समंदर समेट कर निकली
तबस्सुमे अली असग़र समेट कर निकली
जो एक ज़र्ब से लश्कर समेट कर निकली
अगर ना कहती ये आबे हयात पानी की
हर एक निगाह से गिर जाती ज़ात पानी की
या अब्बास, या अब्बास
या अब्बास, या अब्बास
सकीना बीबी के सक़्क़े अली के लाल सलाम
जरी सक़ी असदे शेरे ज़ुलजलाल सलाम
वफ़ा की आख़री हद के महे कमाल सलाम
नहीं है दोनों जहाँ में तेरी मिसाल सलाम
तेरे कटे हुए बाज़ू निजात पानी की
तेरे बदन का पसीना ज़कात पानी की
या अब्बास, या अब्बास
या अब्बास, या अब्बास
हिमायते शहे मज़लूम में फ़ना अब्बास
तबाओ जुर्रतो ग़ैरत की इंतेहा अब्बास
जनाबे ज़ैनबे बेकस का आसरा अब्बास
लबे फ़रात फ़क़त तूने ये लिखा अब्बास
हमारी तशनालबी है फ़रात पानी की
हयात प्यासों की ठहरी वफ़ात पानी की
या अब्बास, या अब्बास
या अब्बास, या अब्बास
मेरी हयात का सामान नासिरे शब्बीर
बदलता रहता है जो कायनात की तक़दीर
फ़रात-ओ-मश्क़ो अलम जिसकी हश्र तक जागीर
मैं और ये मेरी तंज़ीम इसके दर के फ़क़ीर
बहेगी चश्मे अज़ा से फ़रात पानी की
चलेगी मजलिसो मातम में बात पानी की
या अब्बास, या अब्बास
या अब्बास, या अब्बास