कै़दी बनकर पाबंदे रसन लाशों से जो गुज़रे अहले हरम
हर बीबी अपने प्यारों से होती थी विदा करके मातम
इक बीबी फ़ातेमा बिन्ते हसन पामाल बदन क़ासिम की बहन
किसी इक जां से रुक़सत न हुई-2
टुकड़ों में जो था भाई का बदन
कभी इस टुकड़े पे हाय क़ासिम
कभी उस टुकड़े पे हाय क़ासिम
तेरा बहन ग़रीब नु नई भुलड़ां-2
तेरे क़त्ल दा मंज़र हाय क़सिम
हाय हाय क़ासिम हाय क़ासिम-2
कभी इस टुकड़े पे हाय क़ासिम
कभी उस टुकड़े पे हाय क़ासिम
पामाल हुआ था भाई जहां-2
उस ख़ून पे गिरकर हाय क़ासिम
कभी इस टुकड़े पे हाय क़ासिम
कभी उस टुकड़े पे हाय क़ासिम
किस शान से तुम दूल्हा थे बने किस शान से थी बारात चली-2
बैठी रही दुल्हन हुजरे में-2 आए न पलट कर हाय क़ासिम
फरवा ने कहा बेटा क़ासिम कह देना दादी ज़हरा से-2
ग़ुरबत की कमाई टुकड़ों मे-2 भेजी है सजाकर हाय क़ासिम
उठ क़ासिम देख तेरी दुल्हन तेरी लाश पे रोने आई है-2
ऐ काश ये शादी रास आती-2 बस जाता तेरा घर हाय क़ासिम
हर सात मोहर्रम को मेंहदी तेरी याद में क़ासिम उठती है-2
दूल्हा दूल्हा क़ासिम दूल्हा होता है लबों पर हाय क़ासिम
जव्वाद रेहान ते सरवर नूं नइ भुलड़ें बैन उस बीबी दे
जिंदे सदक़े आज वी जारी ए-2 तेडा मातम घर घर हाय क़सिम