चला मैं वादा निभाने सलाम मां के मज़ार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार
मैं तेरा दीन बचाऊंगा ऐ मेरे नाना
मैं अपना ख़ून बहाऊंगा ऐ मेरे नाना
हुसैन जाता है मरने सलाम मां के मज़ार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार
मेरी शरीके सफर बनके साथ चल अम्मा
सफर पे जाता हूं कपड़े मेरे बदल अम्मा
लिबासे ख़ुल्द सजा दे बदन पे फिर इकबार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार
दुआ करो कोई सर बेरिदा न हो अम्मा
नमाज़े शौके शहादत कज़ा न हो अम्मा
ना आए मेरे चमन सितम की गर्दो ग़ुबार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार
दिए जलाने को नाना तुम्हारे रौज़े पर
ज़रूर आएगी सुग़रा हर एक शामो सहर
ख़ुदा करे रहे रौशन सदा तुम्हारा मज़ार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार
तुम्हारे जैसा है नाना ये मेरा लाल अकबर
दुआ करो न लगे इसको आसमां की नज़र
लुटे न दूर वतन से हमारे दिल का क़रार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार
तमाम फूल से बच्चे हैं और गर्म हवा
हमारे ख़ून की प्यासी है फौजे ज़ुल्मो जफा
सफर में कोई शजर भी नहीं है सायादार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार
हां एक फूल तो ऐसा है जो खिला भी नहीं
न पाए पानी तो कर सकता वो गिला भी नही
वो जिस के दहन से आती है दूध की महकार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार
मेरी सकीना कहां और रसन के बन्द कहां
ज़मीने गर्म पे चलना उसे पसन्द कहां
क़दम वो फूल से नाज़ुक वो रास्ते पुर ख़ार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार
यही है सरवरो रेहान ज़िन्दगी का शरफ
कभी ज़ियारते करबोबला कभी है नजफ
इन्हीं फिज़ाओं में आती है शाहेदीं की पुकार
सलाम नाना के रौज़े सलाम मां के मज़ार