तेरा मेहमान हूं शीरी तेरा मेहमान हूं ×3
तू मुझे जान ना पाई ये मैं जनता हूं
तू ना पहचाने मगर मैं तुझे पहचानता हूं
तू ख़तावर नहीं शीरी ये मैं जानता हूं ×2
हाय….. तू ने इस हाल में कब पहले मुझे देखा है
बखुदा जान ले मुझको पहचान ले
तेरा मेहमान हूं शीरी तेरा मेहमान हूं ×2
मै सलामत रहूं मानी थी ये तूने ये मन्नत
हो गई ख़त्म ज़माने से ये तेरी ज़हमत
घर तेरे आज मै मेहमान हुआ इस सूरत
हाय…..सर मेरा नोक ए सिना जिस्म मेरा करबोबला
बाख़ुदा जान ले मुझको पहचान ले
तेरा मेहमान हूं शीरी तेरा मेहमान हूं ×2
याद शीरी तुझे वो होगा ज़माना मेरा
साथ साए की तरह रहता था नाना मेरा
काम जिबरिल का था नाज़ उठाने मेरा ×2
हाय….. आज बेगोरो कफ़न जिस्म है मकतल में पड़ा
बाख़ुदा जान ले मुझको पहचान ले
तेरा मेहमान हूं शीरी तेरा मेहमान हूं ×2
टुकड़े टुकड़े थे पड़े रन में जिगर के पारे
लाश अकबर की उठा लाए न हिम्मत हारे
हौसला देख के हैरां थे फरिश्ते सारे ×2
हाय…. एक मेहमान पे क्या क्या न हुए ज़ुल्मो जफ़ा
बाख़ुदा जान ले मुझको पहचान ले
तेरा मेहमान हूं शीरी तेरा मेहमान हूं ×2
या अली कह के दी मकतल मैं दुहाई मैंने
आस्तीं कोह्नियों तक अपनी चढ़ायी मैने
यूं सिना सीनाए-अकबर से निकली मैंने ×2
हाय….. सामने नजरों के फरजंद ने दम तोड़ दिया
बाख़ुदा जान ले मुझको पहचान ले
तेरा मेहमान हूं शीरी तेरा मेहमान हूं ×2
घर तेरे आया हूं इस हाल में हैरान ना हो
मेरी मेहमान नवाज़ी में परेशान ना हो
बस दुआ कर मेरे जैसा कोई मेहमान ना हो ×2
हाय….. ऐसे आलम में आएना किसी को भी क़ज़ा
बाख़ुदा जान ले मुझको पहचान ले
तेरा मेहमान हूं शीरी तेरा मेहमान हूं ×2
अश्क़े ख़ू आज भी आंखों से रवां है मीसम
क्यू ना हो करती हैं ख़ुद फातेमा ज़हरा मातम
ख़ाक उड़ाते है सरे ख़ुल्द रसूले अकरम ×2
हाय….. कैसा पुर दर्द है खुर्शीद ये लिखा नैहा
बाख़ुदा जान ले मुझको पहचान ले
तेरा मेहमान हूं शीरी तेरा मेहमान म ×3