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Tuesday, November 5, 2019

baba kaise kahun

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा 
अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

आप जाते नहीं जाने लगी
ज़िंदगी मुझसे दावन चुराने लगी
सांस सीने में रुक रुक के आने लगी
अब मेरे साथ हैं आह और हिचकियां
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

क्यो पियू़ मैं दवा हो चुकी बस शिफा
छोड़ कर मुझ को मेरा मसीहा चला
ऐसा लगता है मुझ से हुए तुम खफा
मेरी हमजोलियां अब हैं तनहाइयां
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

कैसे बहलाऊं दिल कुछ तो बोलो पिदर
क़ब्र से कम नहीं है ये अब मेरा घर
मौत है अब मेरी आप का ये सफर
बोलती है नज़र चुप है मेरी ज़ुबा
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

दिन तो कट जाएगा शब न कट पाएगी
आप के हिज्र में नीद कब आएगी
नीद आए तो वो मौत बन जाएगी
रोएगा मेरी ग़ुरबत पे अब आसमां
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

कौन जाता ह बीमार को छोड़ कर
हाथ रखते हैं बीमार की नब्ज़ पर
उस की दिल जोई करते हैं शामो सहर
रखते है ठंडे पानी की भी पट्टियां
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

लो मेरे घर से रुख़सत उजाला हुआ
जाता है भाई नज़रों का पाला हुआ
रंज इस बात से है दोबाला हुआ
तुम रहोगे वहां मै रहूंगी यहां
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

हाय बाबा मेरे दिन ये गर्मी के हैं
साथ बच्चों का है ये सफर न करें
या तो फिर साथ मुझ को भी लेकर चलें
कह रहा है ये अब तो अश्क़े रवां
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

भाई अकबर चले और असग़र चले
मुझ में और मौत में कम हुए फासले
मेरी जानिब बढ़े दर्द के क़ाफिले
आख़री बार अकबर सुना दो अज़ां
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

कम से कम नन्हे असग़र को यां छोड़ दें
सांस की टूटती डोरियां जोड़ दे
मौत का रुख़ मेरी सिम्त से मोड़ दें
और कुछ रोज़ जी लूंगी मैं नातवां
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा

आप की घर से बाबा सवारी चली
दम करूं आप पर बाबा नादे अली
मैं दुआए सफ़र भी करूंगी अभी
मेरा क्या है खुदा है मेरा मेहरबां
बाबा कैसे कहूं आप को अलविदा

अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा