🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ सुन लो अपनी बेटी के आखरी बयां बाबा 🕊️
बंद होने वाली है अब मेरी ज़ुबां बाबा
क़ैद के अंधेरों में घुट रहा है दम मेरा
अब नहीं सही जाती और सख़्तियां बाबा
जब मेरा जवां भैया एड़ियां रगड़ता था
चुभ रही थी दिल भी मेरे बर्छियां बाबा
छिन चुकी हर इक चादर जल चुके हर एक ख़ैमे
लूट गई सभी दौलत रह गए निशाँ बाबा
कान हो गए ज़ख़मी गाल हो गए नीले
ज़ालिमों ने युं छीनी मेरी बालियाँ बाबा
जब गले लगाया था तुमने मुझको मकतल में
आज तक रुलाता है हाय वो समां बाबा
जिस्म कॉप उठता है रूह थरथराती है
शिम्र हम को देता है ऐसी घुड़कियां बाबा
देख लो जो बाकी थे वो भी इम्तेहां बाबा
गिर पड़ा यतीमों के सर पे आसमान बाबा
हम तुम्हारे सीने पर सो चुके जो सोना था
नींद भी वही पहुंची आप है जहाँ बाबा
कब जला मेरा दावन ये खबर नहीं मुझको
सामने था आंखो के दूर तक धुवां बाबा