🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ रोके ज़ैनब ने कहा ऐ मेरे भय्या अब्बास 🕊️
क़त्ल मा जाया हुआ ऐ मेरे भय्या अब्बास
आ गए ख़ैमा जलाने के लिए शिम्र के साथ
लश्करे अहले जफा ऐ मेरे भय्या अब्बास
आग ख़ैमों में लगी नन्हा सा झूला भी जला
ख़ून कानों से बहा ऐ मेरे भय्या अब्बास
किस क़दर फूल से गालों पे तमाचे मारे
रंग चेहरे का उड़ा ऐ मेरे भय्या अब्बास
दम सकीना का घुटा जाता है यूं रस्सी से
शिम्र ने बांधा गला ऐ मेरे भय्या अब्बास
तौक़ ज़ंजीर में जकड़ा है मरीज़े ग़म को
हाय बे जुर्मो ख़ता ऐ मेरे भय्या अब्बास
आके देखो तो ज़रा अपनी बहन की हालत
छिन गई सर से रिदा ऐ मेरे भय्या अब्बास
रास आया ना सफर करबोबला का तुमको
कोई हमदम न रहा ऐ मेरे भय्या अब्बास
सो गए जलती हुई रेत पे प्यासे बच्चे
पानी अब तक ना मिला ऐ मेरे भय्या अब्बास
चादरे छीन ली रांडों की सितमगारों ने
अब कहां परदा रहा ऐ मेरे भय्या अब्बास
गोदियां हो गयीं वीरान यहां माओं की
हैं गिरफ्तारे बला ऐ मेरे भय्या अब्बास