🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ शरफ हुसैन की मजलिस का जिसने पाया है 🕊️
तो उसने ख़ुल्द मे अपना मक़ा बनाया है
लहू बहा है जहां पर हुसैन वालों का
वहां की ख़ाक को ख़ाके शिफा बनाया है
लड़े जो अकबरो अब्बास क्या ज़रूरत है
उदूं की फौज पे भारी जब एक बच्चा है
कलेजा थाम के दौड़े हुसैन मकतल में
चचा को क़ासिमे मुज़तर ने जब पुकारा है
बदन यतीमे हसन का जो हो गया पामाल
अबा में रख के उसे शाह ने उठाया है
ख़ुदा का नाम बचाया इसी लिए घर घर
हसन के लाल का मातम जहां में बरपा है
ये शब्बेदारियां मातम जुलूसो ज़िक्रो बयां
बता रहे हैं ये अब भी हुसैन ज़िन्दा है
अज़ाए शह की जो ज़ीशान पाई है दौलत
दुआए फातेमा ज़हरा का ये नतीजा है