🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ अकबर तुम्हें मालूम है क्या मांग रहे हो 🕊️
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
इस आलमे ग़ुरबत में तुम्हें जाने दूं कैसे
इस दश्ते मुसीबत में तुम्हें जाने दूं कैसे
इस वक़्ते कयामत में तुम्हें जाने दूं कैसे
ऐ लाल जो तुम इज़्ने विग़ा मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
अकबर तुम्हें मालूम है क्या मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
क्या गुज़रेगी इस बाप के दिल पर नहीं सोंचा
तुमने ये मेरी जान अली अकबर नहीं सोंचा
मर जाऊंगा मैं तुझसे बिछड़ कर नही सोंचा
तुम मुझसे ज़ईफ़ी का असा मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
अकबर तुम्हें मालूम है क्या मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
दिल रोता हैं नज़रों से अगर दूर हो बेटा
किस तरहा जुदाई तेरी मंज़ूर हो बेटा
तुम ही मेरी आंखें हो मेरा नूर हो बेटा
मुझसे मेरी आंखों की ज़िया मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
अकबर तुम्हें मालूम है क्या मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
दुनिया से गया जिस घड़ी महबूब ख़ुदा का
नाना की ज़ियारत को तड़पता था नवासा
ऐ लाल तुझे इसलिए ख़ालिक़ से था मांगा
मक़बूल हुई मेरी दुआ मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
अकबर तुम्हें मालूम है क्या मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
इस्लाम पे खुद अपना लहू रन में बहाओ
सिने पे सिना शान से मैदान में खाओ
तस्वीर पयम्बर की तहे ख़ाक़ मिलाओ
क्या इसलिए मरने की रिज़ा मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
अकबर तुम्हें मालूम है क्या मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो.
एक रोज़ तुझे आन के मांगा था फूफी ने
अट्ठारह बरस नाज़ों से पाला था फूफी ने
बेटों से भी ज़्यादा तुम्हें चाहा था फूफी ने
एहसान जो ज़ैनब ने किया मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
अकबर तुम्हें मालूम है क्या मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
रखते नहीं तुम इसकी ख़बर ऐ मेरे प्यारे
किस दर्जा मोहब्बत है तेरी दिल में हमारे
नाना की मेरे शक्ल है पैकर में तुम्हारे
तुम सूरते महबूबे ख़ुदा मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
अकबर तुम्हें मालूम है क्या मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
सर तेरा भी जिस वक़्त चढ़ेगा सरे नैज़ा
होगा सरे मैदान जुदा सर भी तुम्हारा
हमशक़्ले पयम्बर का गला काटेंगे आदा
गोया मेरे नाना का गला मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
अकबर तुम्हें मालूम है क्या मांग रहे हो
तुम बाप से मरने की रिज़ा मांग रहे हो
बाबा मुझे मालूम है क्या मांग रहा हूं
एक बाप से मरने की रिज़ा मांग रहा हूं
बाबा मुझे अम्मा ने भी कुछ दर्स दिया है
आदाबे वफ़ा से मुझे आगाह किया है
पहले मैं मरूं आपसे वादा ये लिया है
बस इसलिए मरने की रिज़ा मांग रहा हूं
एक बाप से मरने की रिज़ा मांग रहा हूं
बाबा मुझे मालूम है क्या मांग रहा हूं
है आप तो बाबा बिने ख़ातूने क़यामत
और मां हैं मेरी अदना सी एक पैकरे इस्मत
क्या सीने में उसके नहीं कुछ जज़्बये इस्मत
मैं मादरे मुज़तर का कहा मांग रहा हूं
एक बाप से मरने की रिज़ा मांग रहा हूं
बाबा मुझे मालूम है क्या मांग रहा हूं
बाबा मुझे एहवाले दिलेज़ार पता है
है सख़्त बहोत मंज़िले दुशवार पता है
और दीन का मुश्किल में है सरदार पता है
यूं आप से मरने की रिज़ा मांग रहा हूं
एक बाप से मरने की रिज़ा मांग रहा हूं
बाबा मुझे मालूम है क्या मांग रहा हूं
मैं शायरे हस्सास जिगरसोज़ हूं "खुर्शीद"
महवे ग़में शब्बीर शबो-रोज़ हूं "खुर्शीद"
आलामों मसायब से ज़मींदोज़ हूं खुर्शीद
कशकोल में कुछ अश्क़े अज़ा मांग रहा हूं
एक बाप से मरने की रिज़ा मांग रहा हूं
बाबा मुझे मालूम है क्या मांग रहा हूं