🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ मेरे बाबा मेरे बाबा 🕊️
मेरे बाबा मेरे बाबा
मै ज़ैनब हूं मेरी आखों में ग़म का एक तूफां है
मेरी इस कर्बला के दश्त में वीरान दुनिया है
कोई बाक़ी नहीं अपना मेरे बाबा मेरे बाबा
मेरी शिम्रे लयीं ने छीन ली चादर दुहाई है
मेरे भाई की गरदन पर चला ख़जर दुहाई है
सितम ये हो गया कैसा मेरे बाबा मेरे बाबा
लगे मेरी कमर पे ताज़ियाने आप न आए
लगी जब आग खै़मों में बुझाने आप न आए
जला बेशीर का झूला मेरे बाबा मेरे बाबा
न कोई मूनिसो यावर न कोई आस आ जाओ
तराई से मेरे ग़ाज़ी मेरे अब्बास आ जाओ
है हर सूं खून का दरिया मेरे बाबा मेरे बाबा
रगड़ कर एड़ियों को सो गया मेरा अली अकबर
सितम के तीर से मारा गया नन्हा अली असगर
मिला न आब का क़तरा मेरे बाबा मेरे बाबा
फ़क़त मर्दो में बाक़ी आबिदे बीमार है बाबा
बिना भाई के मेरी जि़न्दगी बेकार है बाबा
न फट जाए जिगर मेरा मेरे बाबा मेरे बाबा
हवा रोई फ़िज़ा रोई ज़मीनो आसमां रोए
फरिश्ते हालते सरवर पे लेकर सिसकियां रोए
न कोई बच सका अपना मेरे बाबा मेरे बाबा
अधेरी रात है ख़मों से उठता है धुआं बाबा
मेरी इस बेकसी पर रो रहा है आसमां बाबा
है चारों सिम्त सन्नाटा मेरे बाबा मेरे बाबा
नबी की आल है ज़ीशान और शामे ग़रीबां है
ज़मीने करबला पे बेवतन की लाश उरियां है
लबों पर है यही नौहा मेरे बाबा मेरे बाबा