कहती थी रोके सुगरा ऐ मेरे बाबा जां
कैसे रहूंगी तन्हा ऐ मेरे बाबा जां
किस तरह भाइयों के बिन मैं यहां रहूंगीफु
रकत मैं आप लोगों की किस तरह सहूंगी
घर होगा ये बयांबा ऐ मेरे बाबा जां
फूफियां सकीना अम्मा सब साथ जा रहे हैं
अम्मू को लेके बाबा खुद आप जा रहे हैं
सब जा रहा है कुनबा ऐ मेरे बाबा जां
कैसे जियूंगी बाबा अकबर भी जा रहे हैं
छह माह के बरादर असगर भी जा रहे हैं
मर जायेगी ये दुखिया ऐ मेरे बाबा जां
मांगूंगी मैं न पानी न कोई भी गिज़ा मैं
होगा जो दर्द बाबा मांगूंगी न दवा मैं
है आप से ये वादा ऐ मेरे बाबा जां
बेटी को अपनी बाबा क्यूं छोड़ कर हो जाते
क्यूं मुझ से ऐसे बाबा मुंह मोड़ कर हो जाते
कैसे सहूं ये सदमा ऐ मेरे बाबा जां
बोली ये रोके सुगरा आ जाना जल्द बाबा
गर खुद न आ सको तो मुझको बुलाना बाबा
तकती रहूंगी रस्ता ऐ मेरे बाबा जां
सबको ही करबला को जाने दो मेरे बाबा
असगर को पास मेरे रहने दो मेरे बाबा
दम घुट रहा है मेरा ऐ मेरे बाबा जां
तड़पी निशात सुगरा जब चल दिए शहेदीं
बेटी की बेबसी पर खुद रो दिए शहेदीं
सूना हुआ मदीना ऐ मेरे बाबा जां