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Saturday, February 8, 2025

कहती थी रोके सुगरा

 

कहती थी रोके सुगरा ऐ मेरे बाबा जां

कैसे रहूंगी तन्हा ऐ मेरे बाबा जां


किस तरह भाइयों के बिन मैं यहां रहूंगीफु

रकत मैं आप लोगों की किस तरह सहूंगी

घर होगा ये बयांबा ऐ मेरे बाबा जां


फूफियां सकीना अम्मा सब साथ जा रहे हैं 

अम्मू को लेके बाबा खुद आप जा रहे हैं 

सब जा रहा है कुनबा ऐ मेरे बाबा जां


कैसे जियूंगी बाबा अकबर भी जा रहे हैं 

छह माह के बरादर असगर भी जा रहे हैं 

मर जायेगी ये दुखिया ऐ मेरे बाबा जां


मांगूंगी मैं न पानी न कोई भी गिज़ा मैं

होगा जो दर्द बाबा मांगूंगी न दवा मैं 

है आप से ये वादा ऐ मेरे बाबा जां


बेटी को अपनी बाबा क्यूं छोड़ कर हो जाते

क्यूं मुझ से ऐसे बाबा मुंह मोड़ कर हो जाते 

कैसे सहूं ये सदमा ऐ मेरे बाबा जां


बोली ये रोके सुगरा आ जाना जल्द बाबा

गर खुद न आ सको तो मुझको बुलाना बाबा

तकती रहूंगी रस्ता ऐ मेरे बाबा जां


सबको ही करबला को जाने दो मेरे बाबा

असगर को पास मेरे रहने दो मेरे बाबा 

दम घुट रहा है मेरा ऐ मेरे बाबा जां


तड़पी निशात सुगरा जब चल दिए शहेदीं

बेटी की बेबसी पर खुद रो दिए शहेदीं


सूना हुआ मदीना ऐ मेरे बाबा जां