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Wednesday, August 17, 2022

शहे दीं पुकारे ये


शहे दीं पुकारे ये ख़ैमे के दर पर

बड़े संग दिल हैं ये ज़ालिम सितमगर

सुनाऊं मैं तुझको क्या रूदादे असग़र

कहां छोड़ आया हूं मैं तेरा दिलबर

तेरे लाल को रन में आया हूं खोकर

ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो


तेरी लाल की मुस्कुराहट थी खंजर

गिरी बर्क़ बनकर हज़ारों दिलों पर

चलाए कुछ ऐसे कलेजों पे नश्तर

हुए शर्म से पानी पानी सितमगर

तेरे लाल को रन में आया हूं खोकर

ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो


तेरे लाल ने शान ए हैदर दिखा दी

तेरे लाल ने दीं की अज़मत बढ़ा दी

तेरे लाल ने कुफ़्रो ज़ुल्मत मिटा दी

भंवर में थी उम्मत की कश्ती बचा दी

तेरे लाल को रन में आया हूं खोकर

ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो


तेरा लाल उम्मत पे सदक़े हुआ है

तुम्हें क्या बताऊं के क्या कर गया है

पदर की ज़यीफ़ी की ढारस बना है

पड़ा तीर गर्दन पे तो हंस दिया है

तेरे लाल को रन में आया हूं खोकर

ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो


गए हाशिमी घर में जब शाहे वाला

अजब हाल बनो ए मुज़तर का देखा

नज़र आया वीरां जो असग़र का झूला

किया ज़ब्त लेकिन यही मुंह से निकला

तेरे लाल को रन में आया हूं खोकर

ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो ऐ बानो