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Friday, June 17, 2022

मौला तेरा मातम है मौला तेरा

  

मौला तेरा मातम है मौला तेरा ये ग़म है

दिल भी मेरा रोता है आंख मेरी पुरनम है

हाय अबुल फज़लिल अब्बास


ऐ मेरे गाज़ी तू वफ़ाओं का ख़ुदा है

साथ तेरे फ़ातेमा ज़हरा की दुआ है

तेरी वफ़ा का कलमा लब पे मेरे हर दम है

हाय अबुल फज़लिल अब्बास



चांद तुम्हे कहते हैं सब उम्मे बनी का

दूर तलक फैला है बस तेरा उजाला

तेरी ज़िया के आगे दिन की ज़िया मध्यम है

हाय अबुल फज़लिल अब्बास



बेटा तुझे कहती हैं शब्बीर की मादर

नाज़ उठाते हैं तेरे फ़ातहे ख़ैबर

जाने दिले हैदर है तू वफ़ा का पैकर है

हाय अबुल फज़लिल अब्बास


जिन्दाओ जावेद ज़माने में रहा तू

सजदाए माबूद बचाने में रहा तू

आज तलक दुनिया में ऊंचा तेरा परचम है

हाय अबुल फज़लिल अब्बास


तेरा सरे करबोबला हाथ कटाना

ख़ूने यदुल्लाह की तासीर दिखाना

हम न भुला पाएंगे जान है जब तक दम है

हाय अबुल फज़लिल अब्बास


नहर थी कब्ज़े में तेरे प्यासा रहा तू

आज ज़माने में तेरा चर्चा है हर सूं

आज हर एक परचम से ऊंचा तेरा परचम है

हाय अबुल फज़लिल अब्बास


चूम के परचम को ये कहती थी सकीना

अब नहीं पानी की कोई दिल में तमन्ना

तुमसे किया जो शिकवा मुझको बड़ा ये ग़म है

हाय अबुल फज़लिल अब्बास