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Saturday, May 7, 2022

इब्ने मुल्जिम ने हैदर को

 

इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा  रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


हमसे बिछड़ा है मौला हमारा रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा  रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


ख़ाके बेवारिसी‌ है सरों पर काले परचम लगे‌ हैं घरों पर

हमसे बिछड़ा है मौला हमारा रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा  रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


शब ये उन्नीसवीं कैसी आई ख़ूं में डूबा‌ मोहम्मद का भाई

रो रहा है सहर का सितारा रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा  रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


इब्ने मुल्जिम सितम कैसा ढ़ाया क़ब्र में सय्यदा को रुलाया 

कैसे बच्चों का‌ होगा गुज़ारा रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा  रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


तेग़ सर पर अली के लगी है आज‌ शम्मे इमामत बुझी है

दिल यतीमों का है पारा‌ परा रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा  रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


मां के मरने का ग़म कम नहीं था

एक कोहे अलम और टूटा

सोग में घर है ज़हरा का सारा रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा  रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


घर में ज़हरा के आहो फ़ुग़ां है ईद नज़दीक ग़म का समां है

ऐसा रमज़ां ना आए दोबारा रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा  रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


उम्मे कुल्सूम ज़ैनब से बोली आज बाबा ने आंखे न खोली

मैंने शाना हिलाकर पुकारा रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं


इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा  रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं