ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा
हर दिल में होगा हर घर में होगा
दश्त में होगा गुलज़ार में होगा
ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा
सय्यदा ज़ैनब की ये अज़ा है
फातेमा ज़हरा की ये दुआ है
ज़ैनुल एबा के दिल की सदा है
ग़म ये दिले ज़व्वार में होगा होगा
ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा
हर दिल में होगा हर घर में होगा
दश्त में होगा गुलज़ार में होगा
ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा
लाशे पे शह के ज़ैनब का वादा
देखेगी दुनिया अब ये नज़ारा
ऐ मेरे भय्या मातम तुम्हारा
शाम के ख़ूनी दरबार में होगा होगा
ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा
हर दिल में होगा हर घर में होगा
दश्त में होगा गुलज़ार में होगा
ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा
ग़म ये तुम्हारा मौला भूला न ज़माना
घर घर सजा है ये तुम्हारा अज़ाख़ाना
सोग तुम्हारा जारी रहेगा
मातम ये सारे संसार में होगा
ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा
हर दिल में होगा हर घर में होगा
दश्त में होगा गुलज़ार में होगा
ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा
ज़हूरे मेंहदी जिस रोज़ होगा
मंज़र वो कितना पुरसोज़ होगा
मेंबर पे होगा वारिस हमारा
मातम फिर उनकी सरकार में होगा होगा
ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा
हर दिल में होगा हर घर में होगा
दश्त में होगा गुलज़ार में होगा
ये तो मज़लूम का मातम है कम न होगा
ये तो मासूम का मातम है कम न होगा