लोग तो बस बनी हाशिम का क़मर जानते हैं
हम तो अब्बास को ज़हरा का पिसर जानते हैं
एक तबस्सुम की कली तोड़ दे पत्थर का जिगर
इस घराने केके तो बच्चे ये हुनर जानते हैं
किसमें हिम्मत है जरी से जो मिला ले आंखें
कौन है किसका है ये लख़्ते जिगर जानते हैं
वस्ता दे के भातीजी का चाचा से मांगो
वो सकीना की सिफ़ारिश का असर जानते हैं
क्यू फरिश्ते ना करे झूले से मस फितरुस को
किसके सदक़े में अता होते हैं पर जानते हैं
दर बदर हमको भटकने की नहीं है आदत
हम तो बस हज़रते अब्बास का दर जानते हैं
कैसे बनता है वफ़ाओं का महल पानी पर
सिर्फ ये हज़रते अब्बास हुनर जानते हैं
दर पे उतरे जो सितारे तो ताज्जुब न करो
अज़मते मुर्तज़ा भी शम्सो क़मर जानते हैं
कह दो मीसम कि नसीहत न करे शेख़ हमे
ख़ुल्द का रास्ता हम अहले नज़र जानते हैं