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Wednesday, March 11, 2020

jisko bhi mohammad ka

जिसको भी मोहम्मद का वसीला नही मिलता 
जन्नत तो बड़ी दूर है रस्ता नहीं मिलता
नस्लों का लहू मांगता इश्के मोहम्मद
ये इश्क़ किसी दौर में सस्ता नहीं मिलता
ये आले मोहम्मद हैं कि अम्मामों में जिनके
पेवन्द तो मिल जाते है धब्बा नहीं मिलता
हक़ फातेमा ज़हरा का जो असहाब न खाते
दुनिया में मुसलमां कोई भूखा नहीं मिलता
जिस रोज़ से है नहर पे अब्बास का कब्ज़ा
भूखे तो बहुत मिलते है प्यासा नहीं मिलता