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Tuesday, June 24, 2025

शम्मां से शम्मां जले, सिलसिला जारी रहे

🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI

🕊️ शम्मां से शम्मां जले, सिलसिला जारी रहे🕊️

हम रहे या ना रहे, यह अज़ादारी रहे 

शम्मां से शम्मां जले.......




अपनी नस्लों को सिखाते रहो,मातम का हुनर

सीना दर सीना करे, बस येअज़ादारी सफ़र

जैसे हालात भी हो, रस्म ये जारी रहे

हम रहे या ना रहे, यह अज़ादारी रहे


शम्मां से शम्मां जले.......


लाख बदले ये ज़माने की रविश और मौसम

एक पल भी ना रुके अश्क़े अज़ा और मातम

मातम ए शह का जुनूँ ज़हन पर तारी रहे

हम रहे या ना रहे, ये अज़ादारी रहे


शम्मां से शम्मां जले........


तुम अगर ज़ाकिरे शब्बीर हो तो ये याद रहे

चाहे इस ग़म के लिए सर भी कटे घर भी जले

हुरमते फर्शे अज़ा, जान से प्यारी रहे

हम रहे या ना रहे, ये अज़ादारी रहे


शम्मां से शम्मां जले........


ये सबीले यूहीं आबाद रहे अहले अज़ा

और घर घर पे नज़र आए अलम ग़ाज़ी का

ये अलम ऊँचा रहे, ये अलमदारी रहे

हम रहे या ना रहे, ये अज़ादारी रहे


 शम्मां से शम्मां जले........


दुनिया वालों की ना परवाह ना कुछ बात करो

मन्नती बेड़ियाँ सज्जाद के ग़म मे पहनो

रौनके़ फ़र्शे अज़ा गिरिया ओ ज़ारी रहे

हम रहे या ना रहे, ये अज़ादारी रहे


 शम्मां से शम्मां जले........


मांओं बहनों को है पैग़ाम मेरा सिर्फ़ यही

अपने बच्चों  को जुलूसों से नही रोको कभी

ये शहादत है शरफ़, ये शरफ़ जारी रहे

हम रहे या ना रहे, ये अज़ादारी रहे


शम्मां से शम्मां जले........


अपने  घर मे भी अज़ाख़ाना सजाना है मुझे

अपने बच्चों को अज़ादार बनाना है मुझे

ताके इस नस्ल मे भी, ताज़िया जारी रहे

हम रहे या ना रहे, यह अज़ादारी रहे


शम्मां से शम्मां जले........


मजलिसे शाह की ज़िन्दां में जो बुनियाद रखी

अस्ल मे बीबी ओ सज्जाद की ख्वाहिश थी यही

ये अज़ादार रहे ये अज़ादारी रहे

हम रहे या ना रहे, ये अज़ादारी रहे


शम्मां से शम्मां जले........




मजलिसो मातमे शब्बीर की तबलीग़ करो

बात यह मज़हरो इरफ़ान ज़माने से कहो

मुनकिरे बीबी से हर हाल मे बेज़ारी रहे

हम रहे या ना रहे, ये अज़ादारी रहे


शम्मां से शम्मां जले........