🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ मचा है कूफे में कोहराम जा रहे हैं अली 🕊️
लहू में डूबा है इसलाम जा रहे हैं अली
जुदा न होना कभी एक दूसरे से तुम
ये देके बेटों को पैग़ाम जा रहे हैं अली
अजीब हाल है रो रो के बिन्ते हैदर का
लरज़ रहे है दरो बाम जा रहे हैं अली
लगाई सजदे मे तलवार इब्ने मुल्जिम ने
ख़बर ये होने लगी आम जा रहे हैं अली
बला के वक़्त ने चैनो सुकून छीन लिया
दिलों को अब नहीं आराम जा रहे हैं अली
सफर पे निकले जो आबिद तो अंम्बिया ने कहा
ये लग रहा है सुए शाम जा रहे हैं अली
नबी के दीन का शबरोज़ अब वसीयत में
हसन को सौंप के हर काम जा रहे हैं अली