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Friday, June 20, 2025

झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा

🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI

🕊️ झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा 🕊️

अब सारी ख़ुदाई में असग़र न मिलेगा




झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा 2


अब झूला झुलाने को तरस जाएंगी बाहें

ख़ैमे में कभी दश्त में ढूढ़ेगी निगाहें

थक जाएंगी ये आंखे असग़र न मिलेगा

झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा


ये सोच के रोता है मेरा दिल भी तड़पकर

उस वक़त तेरे क़ल्ब पे क्या गुज़रेगी मुज़तर

जब रातों को पहलू में असग़र न मिलेगा

झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा


क्या वक़्ते मुसीबत है ज़रा देख ऐ दुखिया

कल झूले में बेशीर था और पानी नहीं था

मिल जाएगा जब पानी असग़र न मिलेगा

 झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा


ढाएंगे लयीं हम पे अभी और क़यामत

ढूढ़ेंगे शकी दश्त में बेशीर की तुरबत

शोहदा के सरों में जब असग़र न मिलेगा

झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा


बिन पानी के दुनिया सिधारा मेरा असग़र

जब आएगा पानी तो मेरी प्यारी सी दुख़तर

ढूढ़ेगी उसे बन में असग़र न मिलेगा

झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा


ज़िंदां से रेहा होकर जब जाओगी तुम घर

हर सोच मे ढूढ़ेंगी बहुत रोएगी मुज़तर

जब फ़ातेमा सुग़रा को असग़र न मिलेगा

झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा


हाथों में उठाओगी जब पानी का कूज़ा

पानी में नज़र आएगा बेशीर का चेहरा

बस अक्स नज़र आएगा असग़र न मिलेगा

झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा


याद आएगा रह रह के जो असग़र का हुमकना

और शौक़े शाहादत में वो झूले में मचलना

तुम दिल को मना लेना असग़र न मिलेगा

झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा




असग़र के शलूके जो नज़र आएंगे घर में

एक दर्द सा उस वक़्त भी उट्ठेगा जिगर में

सब होगा वहां लेकिन असग़़र न मिलेगा

झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा