🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा 🕊️
अब सारी ख़ुदाई में असग़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा 2
अब झूला झुलाने को तरस जाएंगी बाहें
ख़ैमे में कभी दश्त में ढूढ़ेगी निगाहें
थक जाएंगी ये आंखे असग़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा
ये सोच के रोता है मेरा दिल भी तड़पकर
उस वक़त तेरे क़ल्ब पे क्या गुज़रेगी मुज़तर
जब रातों को पहलू में असग़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा
क्या वक़्ते मुसीबत है ज़रा देख ऐ दुखिया
कल झूले में बेशीर था और पानी नहीं था
मिल जाएगा जब पानी असग़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा
ढाएंगे लयीं हम पे अभी और क़यामत
ढूढ़ेंगे शकी दश्त में बेशीर की तुरबत
शोहदा के सरों में जब असग़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा
बिन पानी के दुनिया सिधारा मेरा असग़र
जब आएगा पानी तो मेरी प्यारी सी दुख़तर
ढूढ़ेगी उसे बन में असग़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा
ज़िंदां से रेहा होकर जब जाओगी तुम घर
हर सोच मे ढूढ़ेंगी बहुत रोएगी मुज़तर
जब फ़ातेमा सुग़रा को असग़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा
हाथों में उठाओगी जब पानी का कूज़ा
पानी में नज़र आएगा बेशीर का चेहरा
बस अक्स नज़र आएगा असग़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा
याद आएगा रह रह के जो असग़र का हुमकना
और शौक़े शाहादत में वो झूले में मचलना
तुम दिल को मना लेना असग़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा
असग़र के शलूके जो नज़र आएंगे घर में
एक दर्द सा उस वक़्त भी उट्ठेगा जिगर में
सब होगा वहां लेकिन असग़़र न मिलेगा
झूला तो नज़र आएगा असग़र न मिलेगा