🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ करती थी रोकर बुका अम्मू आ जाइए 🕊️
बाली सकीना ने ये कहा अम्मू आ जाइए
बिन पानी आ जाइए मैं सुकूं पा जाऊंगी
आप न आए अगर अम्मू मै मर ही जाऊंगी
अब नहीं सर पर रिदा अम्मू आ जाइए
बेकसो मजबूर खैमों के करीं तश्ना दहन
लाशए सरवर है जलती रेत पर अब बेकफ़न
मर गया बाबा मेरा अम्मू आ जाइए
तश्नालब बच्चे तड़पते हैं बहुत ही प्यास है
किससे पानी को कहे के जब नहीं अब्बास है
जी नहीं सकती चचा अम्मू आ जाइए
मूनिसो यावर नहीं जो अब दिलासा दे हमें
किससे हम अम्मू कहें आकर सहारा दे हमें
कै़द में है बेखता अम्मू आ जाइए
अकबरो क़ासिम नहीं किसको मैं अब आवाज़ दूं
हिलती है सारी ज़मी किसको मैं अब आवाज़ दूं
लुट गया कुनबा मेरा अम्मू आ जाइए
असग़रे नादान ज़ेरे ख़ाक भी न रह सका
हुरमुला का तीर खाकर मेरा भइया सो गया
अब जहां में क्या बचा अम्मू आ जाइए
बालियां छीनी हैं मेरी ज़ालिमों ने बे ख़ता
छिन गयीं सब की रिदाएं सब के सर हैं बे रिदा
कौन दे आकर रिदा अम्मू आ जाइए
कै़द ज़ंजीरों मे़ मेरा आबिदे बीमार है
नंगे पा बीमार को चलना बहुत दुश्वार है
शाम तक का फासला अम्मू आ जाइए