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Thursday, June 19, 2025

करती थी रोकर बुका अम्मू आ जाइए

🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI

🕊️ करती थी रोकर बुका अम्मू आ जाइए 🕊️

बाली सकीना ने ये कहा अम्मू आ जाइए



बिन पानी आ जाइए मैं सुकूं पा जाऊंगी

आप न आए अगर अम्मू मै मर ही जाऊंगी

अब नहीं सर पर रिदा अम्मू आ जाइए


बेकसो मजबूर खैमों के करीं तश्ना दहन

लाशए सरवर है जलती रेत पर अब बेकफ़न

मर गया बाबा मेरा अम्मू आ जाइए


तश्नालब बच्चे तड़पते हैं बहुत ही प्यास है

किससे पानी को कहे के जब नहीं अब्बास है

जी नहीं सकती चचा अम्मू आ जाइए


मूनिसो यावर नहीं जो अब दिलासा दे हमें

किससे हम अम्मू कहें आकर सहारा दे हमें

कै़द में है बेखता अम्मू आ जाइए


अकबरो क़ासिम नहीं किसको मैं अब आवाज़ दूं

हिलती है सारी ज़मी किसको मैं अब आवाज़ दूं

लुट गया कुनबा मेरा अम्मू आ जाइए


असग़रे नादान ज़ेरे ख़ाक भी न रह सका

हुरमुला का तीर खाकर मेरा भइया सो गया

अब जहां में क्या बचा अम्मू आ जाइए


बालियां छीनी हैं मेरी ज़ालिमों ने बे ख़ता

छिन गयीं सब की रिदाएं सब के सर हैं बे रिदा

कौन दे आकर रिदा अम्मू आ जाइए




कै़द ज़ंजीरों मे़ मेरा आबिदे बीमार है

नंगे पा बीमार को चलना बहुत दुश्वार है

शाम तक का फासला अम्मू आ जाइए