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Wednesday, June 25, 2025

सुबह जब होगी अकबर की अज़ां याद आएगी

🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI

🕊️ सुबह जब होगी अकबर की अज़ां याद आएगी 🕊️

शाम को बेकस यतीमो की फुगां याद आएगी




जब जवां बेटा सहारा देगा बूढ़े बाप को

बाप के हाथो पर लाशें नौजवां याद आएगी


देखकर दरिया को याद आएगे अब्बासे जरी

और फिर प्यासी सकीना की दोआ याद आएगी


ऐ ज़मी होशियार रहना कहती थी उम्मे रबाब

रात को चौंकेगा असगर तो ये माँ याद आएगी


मां ये कहती थी हटालो सामने से जामें आब

असगरे बेशीर की सूखी ज़बाँ याद आएगी




ऐ लाइनों लो ना चादर ख़्वाहरे शब्बीर से

देखकर ज़ैनब को खातूने जिनां याद आएगी