🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ सताते जाते हैं आदा यतीम बच्ची को🕊️
बचा ले कोई खुदारा यतीम बच्ची को
ग़मों की भीड़ है चारों तरफ अंधेरे हैं
नबी की आल है और ज़ुल्म के सवेरे हैं
नहीं है कोई सहारा यतीम बच्ची को
ग़रीब जान के ज़ालिम सताते जाते है
लयींन आग से दावन मेरा जलाते हैं
दिला दो आके भरोसा यतीम बच्ची को
नजफ़ से कुल के मददगार लो ख़बर मेरी
घिरी है गर्दिशे दौरान आप की पोती
दिखा दो बाप का लाशा यतीम बच्ची को
न नींद तुम से जुदा होके आएगी इक पल
लरज़ रहा है मेरी बेकसी पे ये जंगल
रुला रहा है नसीबा यतीम बच्ची को
उदूं ने छीन लिए मेरे कान से गौहर
जला दिया मेरे बीमार भाई का बिस्तर
न चैन आएगा बाबा यतीम बच्ची को
लहू में डूबा है कुर्ता जला हुआ दावन
गज़ब है बांधी गले में सितमगरों ने रसन
बरहना सर है फिराया यतीम बच्ची को
बयान करती थी ज़ीशान जिस घड़ी दुखिया
सरे हुसैन भी अमजद सिना पे रोता था
ज़बां पे जारी था नौहा यतीम बच्ची को