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Wednesday, September 13, 2023

दाख़िल जो मदीने हुए

 

 

दखिल जो मदीने में हुए अहले मदीना

जाते हुए कुछ और थे अब क्या है क़रीना

ना अकबरो अब्बास ना हम राह सकीना

और ग़म से हर एक बीबी का लबरेज़ था सीना

जब घर के करीब आ गई कुनबे की सवारी

सुग़रा ने जो देखा तो ये रो रो के पुकारी

अम्मा अम्मा


हाय अम्मा अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मा अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है


अम्मा अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मा अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है


सुग़रा

क्या पूछ लिया सुग़रा तूने

सब कुछ तो अयां है चेहरे से

ले देख सफेद ये बाल मेरे

मत पूछ कहां है अब कुनबा


अम्मां अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मां अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है


सुग़रा

जिसे जान से प्यारा कहती थी

दिन जिस के लिए तू गिनती थी

बे गोरो कफ़न है बाबा तेरा

मत पूछ कहां है अब कुनबा


अम्मा अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मा अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है


सुग़रा

जिस कुनबे को तू पूछती है

वो करबोबला की ख़ाक हुआ

सब चांद छुपे करबल में तेरे

मत पूछ कहां है अब कुनबा


अम्मा अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मा अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है


सुग़रा

वो एक ज़यीफ़ जवान जो है

पहचान इसे सज्जाद है ये

इसे शाम की गलियां मार गईं

मत पूछ कहां है अब कुनबा


अम्मा अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मा अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है


सुग़रा

वो असगर जो छे माह का था

वो भी ना रहा वो भी ना रहा

मां धूप में बैठी रोती है

मत पूछ कहां है अब कुनबा


अम्मा अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मा अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है


सुग़रा

जब शामे ग़रीबां आई थी

ज़ैनब पे बड़ी तनहाई थी

घर जलता था छिनती थी रिदा

मत पूछ कहां है अब कुनबा


अम्मा अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मा अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है


सुग़रा

डरती थी अंधेरे से जो बहुत

वो बाली सकीना तेरी बहन

अब तक है वो ज़िंदां में सुग़रा

मत पूछ कहां है अब कुनबा


अम्मा अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मा अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है


सुग़रा

अल्लाह सुग़रा से उठा होगा क्यूं कर

ऐ सरवर ऐ रेहान ये ग़म

जिस वक़्त फुफी ने रो के कहा

मत पूछ कहां है अब कुनबा



अम्मा अच्छी अम्मा मेरा कुनबा कहां है

अम्मा अच्छी अम्मा मेरा बाबा कहां है