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Thursday, July 27, 2023

ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा

 


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ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा

अकबर से शह ने रोकर कहा

दीदार कर लू जी भर तेरा


लाल मेरे हमशक्ले पयंम्बर

तू ही तो है मेरा इस वक़्त यावर

मुझको दिखा दे इक बार मुड़ कर

नाना की सूरत ऐ मेरे दिलबर

मरने की इतनी जल्दी है क्या


ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा


अपने ख़ुदा से मांगा था मैंने

तब जाके तुझको पाया था मैंने

लोरी सुना के पाला था मैने

ये तो कभी ना सोचा था मैंने

मुझसे तू होगा रन में जुदा


ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा


बाद तुम्हारे ऐ मेरे दिलबर

ढूंढूंगा रन में तुमको ये कहकर

सोए कहां हो ऐ मेरे दिलबर

बर्छी लयीं की सीने पे खाकर

आ गया मैं अब घबराओ ना


ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा


तुमसे बिछड़ कर ऐ मेरे जानी

जी न सकूँगा यूसुफ़े सानी

दुख भरी सुन लो मेरी कहानी

मिटने दू कैसे तेरी जवानी

पीरी का मेरी तू है असा


ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा


बाबा के तेरे खून के प्यासे

लेके खड़े हैं हाथों में नेज़े

इक बार देखो उस सिम्त बेटे 

मारेंगे मुझको तन्हा समझ के

रन में लयीं बे जुर्मो ख़ता


ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा


करबोबला का पुरदर्द मंज़र

रोये ना क्यूँ महमूद वो लिख कर

पढ़ दो मुदस्सिर बरसरे मिम्बर

लुट गई रन में आले पयंबर

शह का ना कोई मोनिस बचा


ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा