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Friday, June 3, 2022

लो अलमदार अलमदार अलमदार चला

 

लो अलमदार, अलमदार अलमदार चला


मश्क़ कांधे पे रखी

प्यास कुछ और बढ़ी

आ गई वो भी घड़ी

जानिबे नहर चली लेके फरहरे की हवा

लो अलमदार अलमदार अलमदार चला


शोर मौजों से उठा

मरहबा स्वल्ले अला

बोली गाज़ी से वफ़ा

पेशवेई को बढ़ा सर को झुकाए दरिया

लो अलमदार अलमदार अलमदार चला


पानी चुल्लू में लिया

दिल पे इक तीर लगा

दी सकीना को सदा

पानी लता है मेरी जां अभी तेरा सक़्क़ा

लो अलमदार अलमदार अलमदार चला


मश्क भरना थी भरी

गो कि प्यासा था जरी

तशनगी कहती रही

पानी पी ले ऐ अलमदार जो मौका है मिला

लो अलमदार अलमदार अलमदार चला


फिर भी पानी न पिया

प्यास को भूल गया

सानी ए शेरे ख़ुदा

अपने घोड़े को सुए ख़ेमा जरी ले के मूड़ा

लो अलमदार अलमदार अलमदार चला


सिर्फ कोशिश थी यही

पानी पहुंचाएं‌ अभी

पूरी हसरत न हुई

न गहां मश्क़े सकीना पे लगा तीरे जफ़ा

लो अलमदार अलमदार अलमदार चला


तीर पर तीर चले

शाने गाज़ी के कटे

रन में अब्बास गिरे

कहते थे आओ मदद को मेरी इब्ने ज़हरा

लो अलमदार अलमदार अलमदार


आके लाशे पे गिरे

शाहे दीं रोते हए

फिर ये फरमाने लगे

छोड़ गए तुम भी हमे दश्ते बाला में तन्हा

लो अलमदार अलमदार अलमदार चला