ज़मीनो आसमान में हुसैन सा कोई नहीं
ख़ुदा के इस जहान में हुसैन सा कोई नही
रज़ाए हक़ पे करबला में अपना सब लुटा दिया
वफ़ा के इम्तेहान में हुसैन सा कोई नही
लिखेगा कौन इस तरह शहादतों की दास्ता
किसी के ख़ानदान में हुसैन सा कोई नही
करेगा कौन सामना यज़ीदे वक़्त का यहां
हमारे दरमियान में हुसैन सा कोई नही
लिखा हुआ है लौहे दिल पे नाम बस हुसैन का
कि दिल के इस मकान मे हुसैन सा कोई नही
नबी वली वसी सभी इश्के ख़ुदा में हैं मुबतिला
ख़ुदा के आशिकान में हुसैन सा कोई नही