🤲 ANJUMAN-E-ZULFEQARE HAIDERI-MAHOLI
🕊️ कहा शब्बीर ने रोकर मेरे बेटा अली अकबर🕊️
तरस खाओ ज़रा मुझ पर मेरे बेटा अली अकबर
ज़यीफी मे पिदर को छोड़ कर जाना नहीं अच्छा
दिले बेताब को अब और तड़पना नहीं अच्छा
ज़रा देखो मुझे मुड़कर मेरे बेटा अली अकबर
बिना तेरे मेरी इस ज़िन्दगी पर खाक है बेटा
बदन है चूर ज़ख़्मो से गिरेंबा चाक है बेटा
तमन्नाए दिले हैदर मेरे बेटा अली अकबर
मेरी जानिब मेरे रश्के गुलेतर देखते जाओ
अगर जाते हो मैंदा में तो मुड़कर देखते जाओ
मेरे वीरन मेरे दिलबर मेरे बेटा अली अकबर
बला के दश्त में बेटा सिना सीने पे खाओगे
यकीं है मुझको तुम मैदान से वापस न आओगे
मेरी आंखों में है मंज़र मेरे बेटा अली अकबर
बड़ी नाज़ों से तुझको ज़ैनबे मुजंतर ने पाला था
अभी तो मां ने जी भर कर तेरा चेहरा न देखा था
बुलीती है तुम्हे मादर मेरे बेटा अली अकबर
हवाए ज़ल्म है हर सिम्त और रेगे तपा अकबर
मेरी इस बेकसी पर रो रहा है आसमां अकबर
सहारा दो मुझे आकर मेरे बेटा अली अकबर
नदीमे नौहागर ज़ीशान अकबर की जवानी पर
लहू रोई ज़मीने करबला भी सिसकियां लेकर
पुकारे जिस घड़ी सरवर मेरे बेटा अली अकबर