औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 4
ख़्वाब ये ज़ैनब का था चाँद सितारे मेरे
मामू पे होंगे फ़िदा गोद के पाले मेरे
ख़्वाब ये सच्चा हुआ सर मेरे ऊंचा रहा होने को शह पर फ़िदा
लाल मेरे शेर मेरे चाद मेरे
औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 2
जाफरे तैय्यार के ख़ून के अक्कास हो
हुस्न में अकबर हो तुम जोश में अब्बास हो
जंग के मैदान में मौत के अरमान में साया-ए-क़ुरआन में
ऐसे उठो ऐसे बढ़ो मौत पे तुम टूट पड़ो
औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 2
हां मेरी ताक़ीद पर ध्यान तुम्हारा रहे
जाके लबे नहर भी प्यास गवारा रहे
दूध ना बख्शुूंगी मैं मुंह भी ना देखूंगी मेैं शेर की बेटी हूं में
वादा करो आओ चलो चुप न रहो
औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 2
माना के प्यासे हो तुम प्यास पे क़ाबू रहे
शह के अलमदार की साथ में ख़ुशबू रहे
बस ये तमन्ना मेरी लाज रहे ख़ून की है ये वसीयत मेरी
खाओ क़सम जाहो हशम होगा ना कम
औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 2
औन ये कहने लगा भाई मोहम्मद सुनो
एक तरफ मैं बढ़ूं एक तरफ तुम बढ़ो
दंग हो फौजे सितम जंग करे ऐसी हम मामू हमें दें अलम
देखें हमें अम्मा कहें जीते रहे
औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 2
दोनो जरी जंग में सूरते आंधी बढ़े
नाना अली की तरह मौत पे हवी रहे
मिलके जो हमला किया मैमना और मैसरा एक में दम हो गया
तेग़े अली ऐसी चली धूम मची
औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 2
देख रही थी जो मा ख़ैमे के दर पर खड़ी
साथ वहीं थे खड़े हज़रते अब्बास भी
भाई बहन साथ थे साहिबे औलाद थे वारिसे अजदाद थे
कहने लगे ख़ूब लड़े शेर मेरे
औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 2
लडते कहां तक भला प्यास के मारे हुए
जलती हुई ख़ाक पर दोनो तड़पने लगे
भाई से कहने लगी फख़्र से बिन्ते अली सुर्ख़रु ज़ैनब हुई
सदक़े तेरे भाई मेरे लाल हुए
औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 2
औनो-मोहम्मद ना थे दो दुरे नायाब थे
"सरवरो रेहान" वो वक़िफ़े आदाब थे
हुक्म जो मां ने दिया रुख़ न किया नहर का प्यास का सदमा सहा
माँ ने कहा शुक्रे ख़ुदा हुए फ़िदा
औनो मोहम्मद मेरे औनो मोहम्मद 2