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Monday, July 25, 2022

अरे ओ शाम वालों



सकीना की सदा है अरे ओ शाम वालोंं अरे ओ कूफ़े वालों


अरे ओ शाम वालों सकीना की सदा है


अरे ओ शाम वालोंं कफ़न बाबा को दे दो) x3 अरे ओ शाम वालोंं


अरे ओ शाम वालोंं अरे ओ कूफ़े वालोंं 

मेरे प्यारे जो अम्मू आज होते

कभी ना इस क़दर मजबूर होते

गदाई करके लाते मगर तुमसे न कहते


अरे ओ शाम वालोंं कफ़न बाबा को दे दो अरे ओ शाम वालोंं


अरे ओ शाम वालों अरे ओ कूफ़े वालों 

चाचा का सर ये नेज़े से हटा दो

सरे शब्बीर पे परदा उढ़ा दो

ये गम कितना बड़ा है मेरी मां बे रिदा है


अरे ओ शाम वालोंं कफ़न बाबा को दे दो अरे ओ शाम वालोंं


अरे ओ शाम वालों अरे ओ कूफ़े वालों

मैं ख़ातूने जिना का आइना हूं 

रसन बस्ता असीरो बे रिदा हूं

मेरी जानिब न देखो मेरा कुर्ता फटा है


अरे ओ शाम वालोंं कफ़न बाबा को दे दो अरे ओ शाम वालोंं


अरे ओ शाम वालों अरे ओ कूफ़े वालों 

वो सीना मेरे बाबा का कहां है

सुना है बर सरे रेगे तपा है

नहीं हाय वो सीना कहा सोए सकीना


अरे ओ शाम वालोंं कफ़न बाबा को दे दो अरे ओ शाम वालोंं


अरे ओ शाम वालों अरे ओ कूफ़े वालों 

मेरे घर की क़नीज़ें बा रिदा हैं 

क़यामत हो गई हम बे रिदा है 

सितम कितना बड़ा है फुफी का सर खुला है


अरे ओ शाम वालोंं कफ़न बाबा को दे दो अरे ओ शाम वालोंं


अरे ओ शाम वालों अरे ओ कूफ़े वालों 

यतीमों को सताना कब रवां है

दुखे दिल को दुखाना कब रवां है 

सितम जो चाहे कर लो मगर इक काम कर दो


अरे ओ शाम वालोंं कफ़न बाबा को दे दो अरे ओ शाम वालोंं


अरे ओ शाम वालों अरे ओ कूफ़े वालों 

रिहाई की तमन्ना मर चुकी है

ये जिंदां मेरी मंज़िल आख़री है

मगर बाबा से कहना अब आना शाम आना


अरे ओ शाम-ए-वालों कफ़न बाबा को दे दो अरे ओ शाम-ए वालों